हरिद्वार – कावड़ मेले के दौरान इन दिनों उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा खाने पीने के होटल व ढाबों के मालिकों का नाम लिखने के आदेश पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है।

वहीं पूरे विवाद पर राज्य योजना आयोग के पूर्व सदस्य विमल कुमार ने इस मुद्दे पर बेवजह राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा हिंदू मुस्लिम के विवाद का रूप दिया जा रहा है, जबकि इसका इस से कोई मतलब नहीं है। विमल कुमार ने कहा कि यह आदेश सभी के लिए समान रूप से लागू होना है, चाहे वो हिंदू हो सिख हो, मुस्लिम हो, ईसाई हो सभी को अपना नाम लिखना आवश्यक होगा।

उन्होंने कहा कि जैसे हर मकान मालिक को अपने किरायेदार का सत्यापन कराना आवश्यक है, यह दायित्व मकान मालिक का होता है उसी तरह हाई वे पर या शहरों में सभी दुकानदारों और खाने के रेस्टोरेंट के मलिक को अपना नाम अपने साइन बोर्ड पर लिखने में क्या आपत्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार से अनुरोध है कि दुकानों, होटलों में कार्य करने वाले स्टाफ़ को भी नेम प्लेट लगाने का भी आदेश करना चाहिए, जैसे सभी पुलिस कर्मी वर्दी पर नाम के साथ ब्लड ग्रुप तक अंकित करते है। इस आदेश से समाज को कोई हानि नहीं होनी है बल्कि ग़लत या अपराधी प्रवृति के लोगो की समाज व देश विरोधी हरकतों पर निश्चित अंकुश लगेगा।