देहरादून – नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने घनसाली के बुढाकेदार क्षेत्र के ग्राम भिगुन के तिनगढ, तोली और बुढाकेदार का सघन दौरा किया, नेता विपक्ष ने सबसे पहले राहत शिविर इंटर कॉलेज विनियखाल मे सभी से मुलाकात कर उनका दुख दर्द जाना। राहत शिविर मे आपदा से पीड़ित नागी देवी, कीड़ी देवी, पुन्हा देवी, शिवा जो कि निराश्रित परीवार है, इन्होंने नेता विपक्ष को आपबीती सुनाई।

नेता प्रतिपक्ष ने व्यवस्थाओ का जायजा लिया, इसके बाद नेता विपक्ष ने तिनगढ़ के क्षतिग्रस्त घरों और पूरे इलाके का दौरा किया, ग्राम तोली मे जहां विरेन्द्र शाह की पत्नि सरिता देवी और बेटी अंकिता की मलवे मे दब कर दुखद मृत्यु हों गई थी, वहा जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। यशपाल आर्य ने कहा कि तोली ग्राम के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि तिनगढ़ के ऊपर की बासर नहर भी क्षति का एक कारण हो सकता है। सरकार को इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए था और उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल आपदा के मानकों मे परिवर्तन करना होगा और तिनगढ़, तोली के पूर्ण विस्थापन के लिय काम करना होगा, सरकार आपदा प्रबंधन में गम्भीर नही है।

यशपाल आर्य ने कहा कि प्रशासन को अभी तत्कालिक रूप से आपदा ग्रस्त घरो से उनके जरूरी सामानों को शिफ्ट करने में मदद करनी चाहिए, लोग अभी सदमे में है, इसलिए उनकी पूर्ण रूप से मदद करनी चाहिए। पहाड़ों मे घर 1.30 लाख मे नही बनता है, और 10 हजार मे एक एकड़ कृषि भूमि की क्षतिपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है, सरकार मृतको के परिवार को शीघ्र विशेष सहायता प्रदान करे। उनके घरों, पशुओं, कृषि भूमि, जो क्षतिग्रस्त हुए है, उनको आपदा मे संशोधित राशि प्रदान करे।

नेता प्रतिपक्ष नेे कहा यह क्षेत्र आपदा से अति संवेदन शील है और सरकार को इस क्षेत्र के लिए दीर्घ कालिक प्लान तैयार करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष राकेश राणा, पूर्व प्रमुख भिलंगना विजय गुनसोला, पूर्व जिलाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट , पूर्व प्रमुख धनी लाल शाह, डॉ राकेश लाल शाह, ब्लॉक अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जोशी, ब्लॉक बाल गंगा अध्यक्ष जसवीर सिंह नेगी, गबर सिंह नेगी, दिनेश लाल, मुरारी लाल खंडवाल खुशी लाल, राकेश थलवाल, श्याम लाल साह, बाल कृष्ण नौटियाल, हिम्मत रौतेला, कैलाशी देवी, हुकम सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत, बच्चन सिंह रावत, सतीश जोशी, बावन सिंह बिष्ट, संतोष रतूड़ी, बसंत लाल, हुकम सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत आदि रहे।