हरिद्वार – उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी श्रीराम ने 28 जून को खुद के भाई को जहर देकर मारने के संबंध में थाना सिडकुल में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके द्वारा जानकारी दी गई की उनका भाई लक्ष्मण कुछ माह पहले हरिद्वार आया था जो अंजू देवी नाम की महिला के प्रेमजाल में फंस कर उसके साथ सिडकुल क्षेत्र में ही किराए के मकान में रह रहा था। आरोप लगाया कि अंजू देवी ने ही अपने पति के साथ मिलकर उसके भाई को मार दिया है और वे दोनों भाग गए हैं।
पुलिस ने जांच में 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर सर्विलांस के माध्यम एवं मुखबिर की सूचना पर आरोपी महिला व उसके पति को बस अड्डे से रानीपुर मोड की ओर आते हुए दबोचा।
आरोपी महिला अंजू देवी की शादी लगभग 9 वर्ष पूर्व मधु राय से झारखंड में हुई थी। जहां मधु राय घर जमाई के रूप में रहता था लेकिन जल्दी ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव हो गया और मधु राय ने अपनी पत्नी अंजू देवी को मारना पीटना शुरू कर दिया जिससे तंग आकर एक दिन अंजू देवी घर छोड़कर सीधे बरेली चली गई जहां पीलीभीत से काम की तलाश में बरेली आए लक्ष्मण से उसकी मुलाकात हुई। लक्ष्मण उस समय पोकलैंड मशीन चलाता था जल्दी ही दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया।
एक दिन लक्ष्मण, अंजू को अपने घर पीलीभीत ले गया जहां घर वालों ने शादीशुदा महिला को घर लाने पर आपत्ति करी जिससे दोनों जन काम की तलाश एवं रहने के इरादे से हरिद्वार आकर मजदूरी करने लगे और सिडकुल क्षेत्र में रहने लगे।
हरिद्वार के एक आश्रम में अंजू देवी के कोई परिचित रहते थे जिनसे मिलने कभी-कभी अंजू देवी जाया करती थी वहीं किसी दिन सत्संग के दौरान अंजू देवी की मुलाकात अपने पति मधु राय से हो गई जिस पर पुरानी बातों को लेकर दोनों के बीच में गिले शिकवे हुए और कई साल बाद अपने लगभग 8 साल के बेटे को देखकर अंजू देवी को बड़ा अच्छा लगा। अंजू देवी ने अपने प्रेमी लक्ष्मण को बोलकर अपने कमरे के पास में ही मधु राय व बेटे की रहने की व्यवस्था करा दी और आसपास सभी से कहा कि यह मेरा भाई और यह मेरा भतीजा है। सभी का रोज मिलना जुलना होने लगा। लेकिन वक्त बीतने के साथ जब लक्ष्मण को शक हुआ तो उसने अंजू देवी के साथ मारपीट शुरू कर दी यह बात मधु राय को बहुत बुरी लगी। तब दोनों पति-पत्नी (मधु राय एवं अंजू देवी) ने लक्ष्मण को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया।
एक दिन मौका पाकर दोनों ने खाने में जहर मिलाकर लक्ष्मण को दिया और उसके बेहोश/मरने पर कमरा बंद करके भाग गए। इसके कई दिन बाद कमरे से बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी और पूरी घटना इस तरीके से सामने आई।
पुलिस टीम –
1- थानाध्यक्ष श्री मनोहर सिंह भण्डारी (विवेचक)
2- का0 कुलदीप डिमरी
3- महिला का0 शान्ता
4- का0 मुकेश कुमार

