हरिद्वार – पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना पर देश को चलाया जा रहा है। जिससे न विकास, आवंटन, आरक्षण और परिसीमन हो पा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के सवालों पर सरकार गंभीर नहीं है। जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जनता को वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट ढूंढने में लगा दिया गया है।

प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राव आफाक अली ने कहा कि जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए लोग धक्के खा रहे हैं। एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र के साथ आंगनबाड़ी व ग्राम प्रधान के लिखित प्रमाण व मोहर, माता-पिता के शपथ पत्र के अलावा दो स्वतंत्र गवाहों के शपथ पत्र देने के बाद भी जन्म प्रमाण-पत्र नहीं बन रहा है। इसके बाद ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, एडीओ व बीडीओ की रिपोर्ट लगवाने के बाद फिर उप जिलाधिकारी के यहां सभी रिपोर्टों व पत्रों को प्रस्तुत करना होता है। तब कहीं जाकर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के आदेश दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग एक महिनें का समय लग जाता है। गरीब अपनी मजदूरी छोड़कर तमाम कार्यालयों के चक्कर काटता है और खर्च अलग से करता है। राव आफाक अली ने कहा कि आधार कार्ड बनवाने और उसमें सुधार कराने की प्रक्रिया पूरी तरह बंद पड़ी है। गरीबों, विधवाओं व विकलांग जनों के राशन कार्ड बनना तो दूर की बात है, एक यूनिट तक नहीं बढ़ाई जा रही है। अधिकारी कहते हैं कि हरिद्वार का एनएफएसए का लक्ष्य 9 लाख 75 हजार पूरा हो गया है। जबकि हरिद्वार की आधे से ज्यादा जनता राशन कार्ड से वंचित है। यदि कोई राशन कार्ड सरेंडर होता है या कोई यूनिट समाप्त हो जाती है, तो सेटिंग-गेटिंग के खेल में विधवाएं एवं विकलांग मूंह ताकते रह जाते हैं।

राव आफाक अली ने कहा कि सरकार ने एक प्लॉट की रजिस्ट्री फीस पहले 25 हजार थी, उसे 50 हजार कर दिया है और स्टांप ड्यूटी भी बेतहाशा बढ़ा दी गई है। बिजली विभाग ने पहले से दोगुनी महंगी बिजली कर दी है। यदि कोई गरीब महंगाई व बेरोजगारी के कारण एक-आध बल्ब या पंखे के लिए कभी-कभार इधर-उधर से बिजली लेता है, तो उस पर एक-आध महीने का नहीं बल्कि एक साल के बिल से भी कई गुना ज्यादा वसूलने हेतु मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। जबकि बड़े-बड़े उद्योगों, बिल्डरों और अवैध रूप से बिजली यंत्रों का इस्तेमाल करने वालों से मिलीभगत कर सरकार से छिपाकर अपनी जेबें भरने का काम किया जा रहा है।

पूर्व मंत्री किरण पाल वाल्मीकि और महेश प्रताप राणा ने कहा कि यातायात नियमों के पालन के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। राव काशिफ, डा.अनूप और निज़ाम पठान ने कहा कि विकास के नाम पर आपदा, पीडब्लयूडी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों में कई महीनों से बजट नहीं है। जबकि अभी वर्ष 2025-26 के तीन महीने से अधिक का समय शेष है।

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