हरिद्वार – हरिद्वार के जिलाधिकारी सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की बैठक आयोजित हुई। बैठक में अधिकारियों ने जिलाधिकारी को पल्स पोलियो के सम्बन्ध में बताया कि यह अभियान एक से 20 नवम्बर तक चलाया जायेगा। इसके तहत जगह-जगह स्थापित बूथों के अलावा बाद में घर-घर जाकर पल्स पोलियो की खुराक बच्चों को पिलाई जायेगी।
जिलाधिकारी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पल्स पोलियो के सितम्बर, 2020 में चलाये गये अभियान के समय खानपुर व लक्सर के परिणाम सन्तोषजनक नहीं हैं। वहां पोलियो की खुराक पिलाने में लापरवाही बरती गयी है, जिसके लिये वहां के सुपरवाइजर जिम्मेदार हैं तथा उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाये। उन्होंने कहा कि जो बच्चे खुराक पिलाने से वंचित रह गये हैं, वह किसकी जिम्मेदारी है। इसे तय करना होगा। उन्होंने कहा कि परिणाम शत-प्रतिशत मिलना चाहिये। इसमें हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जायेगी। आगे ध्यान रखें कोई बच्चा पोलियो की खुराक पिलाने से वंचित न रह जाये।
डीएम सी0 रविशंकर ने ईंट-भट्ठों का जिक्र करते हुये कहा कि ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले लगभग छह महीने तक ईंट-भट्टों के आसपास रहते हैं, जिनका पूरा विवरण ईंट-भट्ठा मालिक के पास होता है। उससे सम्पर्क करके वहां काम करने वाले कारीगरों के बच्चों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी मिल सकती है। अतः इस तरह से जानकारी प्राप्त करके शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने-जाने वाली आबादी का मुद्दा हमेशा रहेगा। इसलिये हमें आने-जाने वाली आबादी का भी ध्यान रखते हुये ऐसी जगहों पर पोलियो के बूथ लगाने चाहिये। उन्होंने कहा कि पहले लोग पोलियो की खुराक पिलाने से कतराते थे, लेकिन अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। लोग अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना चाहते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि पोलियो की खुराक पिलाने में जहां-जहां लापरवाही बरती जायेगी, उन सबकी जिम्मेदारी तय की जायेगी तथा किसी को भी बख्शा नहीं जायेगी। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान से जुड़े सभी लोग आपसी तालमेल व सहयोग से कार्य कर इस अभियान को सफल बनाने में एकजुट होकर कार्य करें। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी, डाॅ0 एस0के0 झा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
