हरिद्वार – उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुंभ मेले को मुद्दा बनाकर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया है। एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे हरीश रावत ने केंद्र सरकार द्वारा कुंभ मेले के लिए जारी की गई एसओपी को सरकार को बचाने वाला कागज बताया है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सबसे पहले हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की। उसके बाद हरीश रावत ने जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा और दक्षिण काली पीठ मंदिर पहुंच कर साधु संतों से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। हरीश रावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने कुंभ मेले की घोर उपेक्षा की है। पूरे कुंभ क्षेत्र में स्थाई प्रकृति के कार्य नहीं किए गए हैं। बल्कि उनकी सरकार के दौरान अर्ध कुंभ मेले में हुए स्थाई कार्यों पर ही रंग रोगन करके उन्हें चमका दिया गया है। हरीश रावत ने कहा की उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार यह मानकर चल रही थी कि कोरोना आ गया है अब कुम्भ नहीं होगा। लेकिन सब कुछ ठीक हो गया है तो यह सरकार धीरे-धीरे जाग रही है। उन्हें लगा कि कुम्भ मेला संपन्न नहीं कराया तो लोग तो उनकी सरकार पर उंगली उठाएंगे। मुख्यमंत्री सक्रिय तो हो रहे हैं लेकिन देर कर दी है। वही कुम्भ मेले को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी को हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार को बचाने का कागज बताया। उन्होंने कहा कि यह एसओपी बंगाल, बिहार, असम या जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं वहां क्यों नहीं आया। केवल उत्तराखंड में ही एसओपी जारी किया गया है। यह कुछ नहीं है केवल सरकार की नाकामी को छिपाने का एक कागज है।

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