देहरादून – उत्तराखंड में विकास कार्यो को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक में जुबानी जंग तेज हो गई है। विकास कार्यो पर चर्चा के लिये डिप्टी सीएम सिसोदिया ने मदन कौशिक के खुले में बहस करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। दरअसल दो दिन पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर थे इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर उत्तराखंड की बीजपी सरकार पर विकास विरोधी होने के आरोप लगाए। सिसोदिया ने त्रिवेंद्र सरकार के पाँच विकास कार्यो को गिनवाने की चुनौती देते हुए, प्रदेश के लोगों से वादा भी किया कि यदि उत्तराखंड में आप की सरकार बनती है तो वो दिल्ली मॉडल की तर्ज पर उत्तराखंड में विकास कार्य करके दिखाएंगे। सिसोदिया के आरोप पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने उनके सभी आरोपो को नकारते हुए कहा कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार में बहुत विकास कार्य हुए हैं, सिसोदिया पांच काम की बाते करते है मैं उन्हें 100 गिना सकता हूँ। यदि वो चाहे तो वो खुले में विकास कार्यो पर चर्चा करने के लिए तैयार है। फिलहाल वो डाक के जरिए इन्हें उत्तराखंड सरकार के विकास कामो की लिस्ट भेज रहे हैं और इस पर चर्चा करने के लिए भी तैयार है। वही सोमवार को उनके इस चुनौती को स्वीकार करते हुए मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा कि मुझे खुशी है कि उत्तराखंड के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और रोजगार पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के काम पर खुली बहस की चुनौती दी है, मेरे मित्र मुझे समय और स्थान तय करके बता दे मैं चर्चा के लिए जरूर आऊंगा। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी 2022 विधानसभा चुनावों में यूपी और उत्तराखंड की सभी सीटों पर अपना प्रतियाशी उतारने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। यहीं वजह है कि आप के कई नेता लगातार उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं। उत्तराखंड में आप के निशाने पर दोनों ही दल है, सत्ता में बैठी बीजेपी के साथ कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा करते हुए आप नेता दोनों दलों पर प्रदेश का विकास न करने का आरोप लगा रहे हैं। आप के नेता दिल्ली मॉडल को प्रदेश में लागू करने की बात तो कर रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि दिल्ली और उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति में ज़मीन आसमान का अंतर है। लेकिन आप के चुनाव लड़ने की घोषणा ने प्रदेश में राजनीतिक हलचल तो तेज़ कर ही दी है।