देहरादून – केंद्र सरकार ने कृषि बिल को भले ही दोनों सदनों में पास करा कर कानून बना दिया हो लेकिन किसान लगातार पंजाब, हरियाणा, यूपी व उत्तराखंड से दिल्ली कूच कर रहे हैं। सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिल का किसान विरोध कर रहे हैं। उत्तराखंड में भी आंदोलन की चिंगारी जगने लगी है। उत्तराखंड किसान यूनियन की प्रदेश प्रभारी उषा तोमर ने देहरादून में बैठक की। बैठक में तमाम आंदोलन को लेकर चर्चा की गई। उषा तोमर ने बताया कि बैठक में आंदोलन को लेकर चर्चा की गई है, आंदोलन को आगे बढ़ाना है, साथ ही उन्होंने कहा है कि यदि जल्द ही सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो उत्तराखंड में भी आंदोलन की चिंगारी उठेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि तमाम राजनीतिक दल उनको समर्थन देने के लिये आगे आ रहे हैं। लेकिन किसान यह लड़ाई अपने दम पर लड़ेगा, उन्होंने कहा कि किसान इतना कमजोर नहीं है कि किसी का समर्थन लेकर सरकार से अपनी बात मनवाने की लड़ाई लड़े। प्रदेश प्रवक्ता युद्धवीर ने कहा कि सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है और किसानों को खलस्तानी बताया जा रहा है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। युद्धवीर ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगे जल्दी से मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले समय में उत्तराखंड में भी किसान एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होंगे।

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