धर्म की पुण्यधरती और अध्यात्म की नगरी हरिद्वार का इन दिनों नया रूप देखने को मिल रहा है। शाम ढलते ही इस शहर के कई इलाकों की जनता आतंक के साये में जीने को मजबूर हो जाती है। ये ख़ौफ़ पैदा किया है यंहा के जंगलो ने। दरसल शाम ढलते ही शिकार की तलाश में वन्यजीव इस शहुर में अपना आतंक फैला देते हैं। लोगों की मानें तो गुलदारों का ख़ौफ़ इतना है कि शाम ढलते ही वे अपने बच्चो को घर से बाहर भी नही जाने देते।

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