हरिद्वार – गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता एवं प्रथम गायत्री अश्वमेध महायज्ञ के संयोजक वीरेन्द्र अग्रवाल आज अपने गुरुवर से एकाकार हो गये। 82 वर्षीय अग्रवाल के निधन पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी सहित समस्त गायत्री परिवार ने उन्हें भावभरी श्रद्धांजलि दी।

अग्रवाल गायत्री परिवार ही नहीं, वरन् पीड़ित मानवता के लिए तन, मन, धन से  जुटे रहे। उन्होंने कई महाविद्यालय बनाने एवं चिकित्सालयों को बनाने के लिए जमीन दान करने के साथ ही उसके निर्माण के लिए विशेष सहयोग किया करते थे। दूरदर्शन में प्रसारित होने वाले ‘मंथन’ धारावाहिक के निर्माता अग्रवाल अपने पीछे तीन बेटों- आलोक, संजय, विनय सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये।
गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. पण्ड्या ने कहा कि स्व. अग्रवाल एक उत्कृष्ट सेवाभावी, गायत्री साधक व समाज की पीड़ा को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहने वाले नैष्ठिक कार्यकर्ता थे। वे गरीब, असहाय लोगों की सेवा को नारायण सेवा मानते थे। श्री अग्रवाल जी का निधन सम्पूर्ण गायत्री परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।

देहदान किया, जीवित श्राद्ध की परंपरा अपनाई
स्व. वीरेन्द्र अग्रवाल ने देहदान का संकल्प लिया था। उन्होंने अपने जीवन के 75 वें जन्मदिवस पर स्वयं अपना श्राद्ध कर पारिवारिक एवं सामाजिक आसक्तियों से मुक्त होकर केवल समाज के लिए जीने की उत्कृष्ट परंपरा अपनाने का संकल्प भी लिया था।

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