हरिद्वार – कोरोना का संकट अब धार्मिक कर्मकांडो पर भी गहरा गया है, जिसके चलते पितृ पक्ष में श्रद्धालु हरिद्वार आने से परहेज कर रहे है। हिन्दू धर्म में श्राद्ध कर्म विशेष महत्त्व है इसलिए धर्मनगरी हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित समाज ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। हरिद्वार का कुशावर्त घाट हो या नारायण शिला मंदिर समेत कई घाटों पर मोबाइल के जरिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन श्राद्ध कर्म कराया जा रहा है।
इस बार कोरोना संकट के चलते धर्मनगरी हरिद्वार के घाट सूने पड़े है। हरिद्वार के घाटों पर पितरो की शांति के लिए इस बार तर्पण, पिंडदान आदि श्राद्ध न होने से तीर्थ पुरोहित समाज को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इससे उबरने के लिए तीर्थ पुरोहित समाज ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। अब श्रद्धालुओ को घर बैठे मोबाइल एप्प के जरिए ऑनलाइन श्राद्ध कर्म कराया जा रहा है। तीर्थ पुरोहित अंकित शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन पूजा में जजमान के प्रतिनिधि के रूप में ब्राह्मण पूजा करता है। श्राद्ध कर्म का जो फल, हरिद्वार आने पर मिलता है वही फल घर पर ऑनलाइन पूजा करने से भी मिलता है। कोरोना संकट के कारण हरिद्वार आने में असमर्थ श्रद्धालु अपने पूर्वजो की शांति के लिए घर बैठे ही ऑनलाइन श्राद्ध कर्म करवा रहे है। श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि जो लोग हरिद्वार नहीं जा सकते वो ऑनलाइन ही श्राद्ध कर्म करके अपने पूर्वजो का आशीर्वाद प्राप्त करें।
जहाँ एक ओर आधुनिक तकनीक के सहयोग से ऑनलाइन श्राद्ध कर्म करके लोग अपने पूर्वजो की शांति और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है वही दूसरी ओर कोरोना काल में आर्थिक संकट से गुजर रहे तीर्थ पुरोहित समाज को भी इसका लाभ मिल रहा है।
