हरिद्वार – केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने के विरोध में हरिद्वार में भी आईएमए से जुड़े डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल रखी। सभी डॉक्टरों ने अपने निजी अस्पतालों में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी ठप रखी। हरिद्वार के एक निजी होटल में बैठक के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की परमिशन देना उचित नही है। बिना किसी ट्रेनिंग के एक डॉक्टर सर्जरी नही कर सकता। सरकार द्वारा जबर्दस्ती थोपे गए इस निर्णय को वो बिल्कुल भी स्वीकार नही करते और आगामी 28 दिसंबर को उनकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी इसके विरोध करने के लिये जो भी निर्णय लेगी उसका पुरजोर समर्थन करेंगे। इस दौरान आईएमए के पूर्व उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष डॉ आर के सिंघल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद डॉक्टरों को बिना किसी ट्रेनिंग के सर्जरी करने का निर्णय जबरदस्ती थोपा हुआ निर्णय है। एलोपैथी का एक डॉक्टर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद अलग से डिग्री और अनुभव लेकर ऑपरेशन करने के काबिल बनता है और यहाँ सरकार ने एक आयुर्वेद के डॉक्टर को बिना किसी डिग्री के सर्जरी की परमिशन कर दी है। हरिद्वार आईएमए के सचिव डॉ अंजुल श्रीमाली ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला मरीजों और आमजन की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा। वही आईएमए के हरिद्वार अध्यक्ष डॉ दिनेश ने कहा कि उनका विरोध केवल सरकार के इस फैसले का है, ऐसा फैसला करके सरकार आमजन के साथ ही आयुष के डॉक्टरों को भी मिसगाइड कर रही है। उन्होने सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध करने की चेतावनी भी दी है और ये भी कहा कि आगामी 27 या 28 दिसंबर को उनकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी जो भी निर्णय लेगी वो उसके साथ रहेंगे।विरोध बैठक में डॉ नीता मेहरा, डॉ विपिन मेहरा, डॉ प्रेम लूथरा, डॉ अनु लूथरा, डॉ सिद्धार्थ त्रिवेदी, डॉ यतीन्द्र नाग यान, डॉ एसके सोंधी आदि मौजूद रहे। 

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