हरिद्वार – कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए इस बार हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को स्थगित करने का निर्णय लिया है। 30 नवंबर को स्नान वाले दिन बाहरी श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगो के गँगा स्नान पर पाबंदी है। गँगा स्नान पर रोक लगाने से हरिद्वार स्थित प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष रूपेंद्रप्रकाश महाराज ने नाराजगी व्यक्त की है। इतना ही नही रूपेंद्रप्रकाश महाराज ने हरिद्वार जिला प्रशासन पर उत्तराखंड सरकार की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया है। अपने आश्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान रूपेंद्रप्रकाश महाराज ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को स्थगित करना न्यायपूर्ण नही है। प्रशासन का ये निर्णय सरकार की छवि खराब करने का प्रयास है। एक तरफ तो राज्य सरकार कुम्भ मेले को दिव्य और भव्य बनाने के लिए लाखों करोड़ो रुपये खर्च कर रही है लेकिन कुम्भ मेले से पूर्व गँगा स्नानो पर रोक लगा देने से गलत संदेश जा रहा है। यदि श्रद्धालुओं को ही हरिद्वार नही आने दिया जा रहा है तो फिर कुम्भ का बजट क्यो खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड सरकार की छवि को किसी भी कीमत पर खराब नही होने देंगे, जल्द ही संतो का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मिलेगा और जिला प्रशासन की इस कार्यशैली से अवगत कराएंगे। वही उन्होंने कहा कि कोविड नियमो का पालन करते हुए गँगा स्नान कराना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने ये मांग की है जो सरकार से कोविड का बजट आया है, सरकार इस पर एक जाँच कमेटी बनाएं और इसकी जांच कराए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *