हरिद्वार – कुंभ मेला 2021 के मुख्य शाही स्नान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑपरेटिंग प्रोसीजर मानक चलन प्रक्रिया को कुंभ मेला अधिसूचना जारी होने तक रोके जाने से पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की और से पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने केंद्र व राज्य सरकार से ई-मेल द्वारा पत्र भेजकर मांग की कि कुंभ मेला 2021 मुख्य पर्व, धार्मिक आयोजनों में आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तरप्रदेश सरकार की भांति जिस प्रकार से बनारस, प्रयागराज में फूलों की वर्षा व उत्साह के साथ सरकारी संरक्षण में तीर्थ यात्रियों का माघ मेले जैसे आयोजनों में स्वागत किया जा रहा है, उसी की तर्ज पर हरिद्वार, उत्तराखंड में आने वाले तीर्थ यात्रियों को सरकार द्वारा आने की सभी बाध्यता को समाप्त किए जाने की मांग को दोहराया।
इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा वर्ष 2021 कोरोना काल की वजह से सबसे ज्यादा उत्तराखंड प्रभावित हो रहा है, पहले चारधाम यात्रा को रोका जाना उसके उपरांत कावड़ मेला 2021 को स्थगित किया जाना, फिर छोटे-छोटे पर्व गंगा स्नान पर तीर्थ यात्रियों को रोका जाना, इस प्रकार का सिलसिला राज्य सरकार द्वारा जारी रहा। हरिद्वार, ऋषिकेश व समस्त उत्तराखंड के पर्यटन तीर्थ स्थलों में अपना व्यापार संचालित करने वाले छोटे-बड़े व्यापारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा व्यापारियों को आर्थिक रूप से मदद दिए जाने के लिए कोई भी योजना ना बनाया जाना उत्तराखंड के समस्त व्यापारियों के साथ अन्याय जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कोरोना काल धीरे-धीरे शून्य होता जा रहा है, और अब कोरोना वैक्सीन भी आ चुकी है, कोरोना वैक्सीन को आम जनता को उपलब्ध कराने की योजना राज्य सरकार को शीघ्र अमल में लानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कोरोना के बचाव के नियम शर्तों के साथ हरिद्वार, ऋषिकेश आने वाले तीर्थ यात्रियों, श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आगमन पर पाबंदियां पूर्ण रूप से हटाए जाने पर राज्य सरकार को अपने सहयोगी मंत्रिमंडल के साथ विचार करना न्यायसंगत होगा।
रेलवे रोड स्थित कार्यलय के प्रांगण में बैठक में सम्मलित होकर राज्य सरकार से कुम्भ मेला 2021 की आयोजन में पूर्ण रूप से बंदी हटाये जाने की मांग करते जीप यूनियन से अरुण अग्रवाल, ट्रांसपोर्ट एसो. से बंटी भाटिया, ट्रेवल एसो. से उमेश पालीवाल, व्यापारी नेता राजेश खुराना, धर्मशाला रक्षा समिति से पंडित चंद्र प्रकाश शर्मा, मोहनलाल, मान सिंह, जयसिंह बिष्ट, छोटेलाल शर्मा, राजेन्द्र पाल, प्रभात चौधरी, ओमप्रकाश भाटिया, मनीष शर्मा, दिनेश कुमार, लालचंद आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।