हरिद्वार – हरिद्वार में होने वाले कुम्भ को लेकर जारी अनिश्चितताओं पर संत समाज ने एक बार फिर से नाराजगी जाहिर की है। मंगलवार को हरिद्वार के जयाराम आश्रम में आयोजित संत सम्मेलन में संतों ने केंद्र और राज्य सरकारो पर जमकर निशाना साधा। जयराम में आज से भगवान् हनुमान जी की धर्मध्वजा स्थापित करने के साथ ही कुम्भ मेले का आगाज किया गया। इस दौरान संतो ने सरकार से हरिद्वार कुम्भ मेले का पूर्ण स्वरुप में दिव्य और भव्य आयोजन कराने की मांग भी की है।
श्री पंचायती अखाडा बड़ा उदासीन के अध्यक्ष महेश्वर दास महाराज ने कहा कि जयाराम आश्रम में बजरंगबली धर्मध्वजा स्थापित हो गई है और कुम्भ मेले का आगाज भी हो गया है। साधु संतो की अपनी तैयारी पूरी है लेकिन कोरोना के बहाने प्रशासन अपनी असफलताएं छिपाने का प्रयास कर रहा है। इससे संत समाज बिलकुल भी सहमत नहीं है। कुम्भ मेला दिव्य और भव्य होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी यदि ऐसा नहीं होता तो प्रशासन आंदोलन के लिए भी तैयार रहे।
वही महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि देश भर के 90 प्रतिशत संतों के पास हरिद्वार में अपने आश्रम नही हैं इसलिए उन्हें कुम्भ पर्व के दौरान हरिद्वार में टेंट लगाकर रहना पड़ता है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने मेले की अधिसूचना तक जारी नही की। ऐसे में कुम्भ कब शुरू होगा, सरकार स्पष्ट तक नही कर रही है।
वही जयाराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि भारत सरकार की एसओपी से संत समाज संतुष्ट नहीं है। एक साल से कोरोना की मार झेल रही हरिद्वार की स्वमसेवी संस्थाए और व्यापारी तंगी से गुजर रहा है। कुम्भ मेले का आयोजन नहीं होने से या फिर इस मेले को सीमित करने से यहाँ आर्थिक संकट पैदा हो जायेगा। इसलिए वो भारत सरकार और राज्य सरकार से आग्रह करते है कि कुम्भ मेले का दिव्य और भव्य आयोजन कराए।