हरिद्वार – महाकुंभ का आगाज अब जल्द ही होने वाला है। कुम्भ पर्व में स्नान से पूर्व अखाड़ो की पेशवाई का विशेष महत्व होता है। सभी अखाड़े व उनसे जुड़ी मणिया एक निशिचत समय पर अपनी अपनी पेसवाईयो के माध्यम से इस पर्व का आगाज करते है। मगर इस बार कुम्भ नगर में सभी अखाड़ो के समक्ष एक नया संकट पैदा हुआ है। शहर के हृदय स्थल कनखल में अधिकतर अखाड़े स्थित है, कुम्भ के चलते यंहा बन रहे फ्लाईओवर्स इन पेशवाईयो के निर्बाध संचालन में बाधा बन सकते है। इस संकट को लेकर कुम्भ मेला प्रसाशन अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गया है। कुम्भ मेलाधिकारी का कहना है कि पेशवाई महाकुम्भ की अहम कड़ी होती है , इसको देखते हुए रणनीति तैयार की जा रही है। जल्द ही सभी अखाड़ो के संतों से वार्ता कर इस अहम समस्या का हल निकाल लिया जाएगा।आपको बता दे कि मेलाधिकारी दीपक रावत ने अधीनस्थ अधिकारियों की एक पेशवाई के रास्ते के लिए एक कमेटी बना दी है बहुत जल्द ही कमेटी के सदस्य, सभी अखाड़ो के संतों के साथ बैठक कर पेशवाई के रास्ते की रूपरेखा तैयार करेंगे।

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