हरिद्वार – मकर संक्रांति के पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गँगा स्नान कर रहे है। कड़ाके की ठंड के बावजूद आस्था लिए श्रद्धालु सुबह से ही हरकी पौड़ी समेत तमाम गँगा घाटो पर जुटने लगे है। कुम्भ मेला पुलिस ने पूरे मेला क्षेत्र को 7 जोन और 20 सेक्टर में बांटा है।
कड़ाके की सर्दी के बावजूद आस्था और मन में श्रद्धा लेकर भक्त हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए गँगा घाटों पर पहुँच रहे है। हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर सुबह से ही गंगा स्नान शुरू हो गया है। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पूरी के अनुसार पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर सैया पर लेटे रहे और कहा जाता है जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है उनका जन्म लोक पर नहीं होता। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है और 6 मार्च तक उत्तरायण पर्व रहता है। इनका कहना है कि गंगा मेंं स्नान कर तिल, खिचड़ी, वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है। इससे हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है क्योंकि उत्तरायण का सूर्य सभी कष्टों का नाश करने वाला होता है। इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं तो उससे आपके पित्र तृप्त होते हैं।
वही इस बार कोरोना को देखते हुए सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए ये स्नान कराया जा रहा है। कुम्भ मेले में तैनात सभी पुलिस बलों की ड्यूटी इस मेले में सुरक्षा के लिए लगाई गई है। पूरे मेले क्षेत्र को 7 जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया है। पहली बार मेले की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो की तैनाती की गई है और इसके साथ ही हरिद्वार पुलिस, बीएसएफ़, एसएसबी, सीआरपीएफ समेत कई कंपनियों को भी तैनात किया गया है। दूर दूर से आये श्रद्धालु गँगा मैया में आस्था और श्रद्धा लिए गँगा स्नान कर रहे है। स्नान के मद्देनजर पुलिस ने पहले से ही ट्रैफिक डायवर्जन प्लान बनाये हुए है। कुल मिलाकर कुम्भ मेला पुलिस कुम्भ मेले के शाही स्नानों को देखते हुए अपना अभ्यास कर रही है।

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