हरिद्वार – कोरोना काल में बॉयोमेट्रिक व्यवस्था के तहत राशन बाँटने को लेकर भारत सेवा फाउंडेशन के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की है। पूर्ति विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए भारत सेवा फाउंडेशन (बीएसएफ) ने जिला पूर्ति अधिकारी के. के अग्रवाल को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि कोरोना काल मे इस व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिये। अध्यक्ष मनीष गुप्ता का आरोप है कि राशन उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक व्यवस्था से राशन देना वर्तमान में कोरोना को दावत देने के समान है। कोरोना से संक्रमित उपभोक्ता एक बार बायोमेट्रिक हाजिरी से राशन प्राप्त कर लेता है तो उसके बाद जितने भी उपभोक्ता उस मशीन पर बायोमेट्रिक उपस्थिति से राशन प्राप्त करेंगे, उन्हें और उनके परिवार को संक्रमण हो सकता है। जब सरकारी कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाज़िरी पर प्रतिबंध है तो राशन वितरण पर क्यो नही। महामंत्री मनोज ननकानी ने सुझाव दिया कि विभाग अगर राशन चोरी ही रोकना चाहता है तो सभी डीलरों के यहां सीसीटीवी कैमरे लगवाने का नियम बना देना चाहिए। 

वहीं व्यापारी नेता डॉ नीरज सिंघल और संजय त्रिवाल ने कहा कि विभाग का प्रबंधन अगर मजबूत है तो डीलर गेहूं के एक दाने की हेराफेरी नहीं कर सकता हैं। वही जिला पूर्ति अधिकारी के के अग्रवाल ने भारत सेवा फाउंडेशन को उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय की प्रति देते हुए बताया कि हाईकोर्ट भी बायोमेट्रिक उपस्थिति से ही राशन वितरण के पक्ष में अपना निर्णय दे चुका है, जिला पूर्ति अधिकारी ने कहा कि न्यायालय के निर्णय का पालन करना जरूरी है। बात रही राशन चोरी की तो ऐसी कोई शिकायत आएगी तो डीलरों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

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