रूद्रपुर। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतु भारत सरकार द्वारा जारी होटल, रेस्टोरंेट, शाॅपिग माॅल, धार्मिक स्थल को खोलने हेतु दिशा-निर्देशों के क्रम मे उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त के अतिरिक्त बैंक्ट हाॅल, कम्यूनिटी हाॅल, शादी समारोह को सम्मिलित कर दिशा-निर्देशो मे आंशिक संसोधन किये गये है।

जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल ने बताया दिनांक 12 जून, 2020 के आदेशो को अतिक्रमित करते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नये आदेश जारी किये गये है। उन्होने बताया किसी व्यक्तिगत/पारिवारिक समारोह के आयोजन मे अधिकतम 50 व्यक्तियो को सम्मिलित किया जा सकेगा, परन्तु जिस स्थान पर आयोजन प्रस्तावित है उस स्थान मे दो गज की दूरी के सिद्धान्त के अनुपालन हेतु उपलब्ध स्थान के आधार पर ही कार्यक्रम मे सम्मिलत होने वाले व्यक्तियो की संख्या को कम किया जा सकता है।

उन्होने बताया पूर्ववर्ती आदेशों मे शिथिलता प्रदान करते हुए रात्रि 07 बजे के बाद भी कार्यक्रम की अनुमति दी जा सकती है, कार्यक्रम मे प्रतिभाग करने वाले अतिथियो की सूची अनुमति के आवेदन के साथ संलग्न की जायेगी और सूची सम्बन्धित उप जिलाधिकारी द्वारा प्रमाणित कर अनुमति की मांग होगी और वही सूची 07 बजे के बाद कार्यक्रम मे प्रतिभाग करने हेतु पास/अनुमति के रूप मे प्रयुक्त की जा सकती है। उन्होने बताया पूर्ववर्ती आदेशो मे शिथिलता प्रदान करते हुए विवाह समारोह मे कोविड-19 से संक्रमित शहर से आने वाले वर-वधु व उनके रिश्तेदारो को जिनमे कोविड-19 के लक्षण न हो, समारोह मे शामिल होने की अनुमति दी गई है तथा अन्य शहरो से आने वाले वर-वधु व उनके रिश्तेदारो को जिनमे कोविड-19 के कोई लक्षण न हो 07 दिन की बंुकिग की अनिवार्यता से शिथिलता रहेगी।

उन्होने बताया कार्यक्रम आयोजन की अनुमति सम्बन्धित सम्बन्धित व्यक्ति, जिसका पारिवारिक कार्यक्रम प्रस्तावित है के द्वारा सम्बन्धित उप जिलाधिकारी से प्राप्त की जायेगी। उन्होने बताया जिस स्थान पर कार्यक्रम आयोजित होगा, उस स्थान के प्रभारी तथा अनुमति प्राप्तकर्ता द्वारा भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा समय-समय निर्गत दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होने बताया कार्यक्रम आयोजन की अनुमति सम्बन्धित उप जिलाधिकारी द्वारा आवश्यक प्रतिबन्धो के साथ दी जायेगी, अनुमति आवेदन के 24 घंटे के भीतर प्रदान की जायेगी। उन्होने बताया आदेशो का उल्लंघन आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा 51 से 60 तक महामारी अधिनियम 1897 के प्रावधानो के अधीन दण्डनीय होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *