हरिद्वार – उत्तरी हरिद्वार में महानगर व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने प्रशासन द्वारा हरिद्वार में श्रद्धालुओं के आगमन पर रोक लगाने के निर्णय पर आपत्ति जताई है। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर बैठक की और हरिद्वार में श्रद्धालुओं पर लगे प्रतिबंध हटाने की माँग की है। बैठक के दौरान महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि कोरोना के चलते बार-बार श्रद्धालुओ पर रोक से उनके व्यापार प्रभावित हो रहे है। बार-बार व्यापारियों को परेशान करने से अच्छा एक बार उनके प्रतिष्ठानों पर ताले लगा दिए जाएं। उन्होंने आरोप भी लगाया कि कोरोना सिर्फ बाजारों और व्यापारियों से ही फैलता है जबकि राजनीतिक कार्यक्रमो से कोई कोरोना नही फैलता। लगातार सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बिना मास्क के सेकड़ो की उपस्तिथि में रोजाना राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे है, स्वागत समारोह हो रहे है लेकिन उन पर कोई कोरोना का असर नही जब बात व्यापार की हो तो कोरोना आ जाता है। पर्यटन पर टिका उत्तराखण्ड विशेषकर हरिद्वार जैसे शहर में कभी गंगा बंदी के नाम पर कभी सीमाएं सील करके तो कभी स्नान स्थगित करके व्यापारियों को बर्बादी की कगार पर पहुँचा दिया। कोरोना काल मे व्यापारियों को कोई आर्थिक मदद नही दी गई। व्यापारी अपने बच्चो के स्कूलो को फीस तक जमा करने में असमर्थ हैं, बिजली, पानी के बिल जमा करने को पैसे नही है। व्यापारियों की कोई सुध लेने वाला नही है। साथ उन्होंने ये भी कहा कि अभी की स्तिथि देखकर ये लगता है कि सरकार कुंभ के स्नान भी ऐसे ही सम्पन्न करवाएगी अगर कुंभ के समय भी ऐसा ही किया गया तो हरिद्वार का व्यापारी आत्महत्या करने को मजबूर होगा, इससे अच्छा सरकार प्रतिष्ठानों पर ताले लगवा दें। बैठक में मुख्य रूप से खड़खडेश्वर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश सुखीजा, भूदेव शर्मा, धर्मपाल प्रजापति, राजेश शर्मा, विनोद कुमार, राजू कुमार, अनिल शर्मा, दीपक मेहता उपस्तिथ रहे।