हरिद्वार – जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के आदेश को मानते हुए जनपद हरिद्वार के पीआरडी जवानों ने अपना 72वा स्थापना दिवस नहीं मनाया। पीआरडी जवानों का कहना है कि वह नहीं चाहते थे कि उनके विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्रवाई की जाए, पीआरडी जवानों ने आरोप लगाया की जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारियों द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। पीआरडी जवानों ने कहा कि प्रांतीय रक्षक दल विभाग का 72 वा स्थापना दिवस उत्तराखंड के सभी जनपदों के साथ उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लेकिन जनपद हरिद्वार के अधिकारी द्वारा पीआरडी जवानों को डरा धमका कर, वह कार्रवाई का आदेश जारी करके उनको स्थापना दिवस मनाने से रोका गया। पीआरडी जवानों ने कहा कि हम लोग रोड के ऊपर खड़े होकर जनता की सुरक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि जहां पर भी पीआरडी जवानों की ड्यूटी होती है वहां पर उस वस्तु की या उस कार्यालय की सुरक्षा पीआरडी जवान करता है और हर तरीके से अपनी सेवा में सबसे आगे रहता है। उनका आरोप है कि उसके बावजूद पीआरडी जवानों का शोषण उन्हीं के विभागीय अधिकारी द्वारा किया जा रहा है, उसके बाद भी इन अधिकारियों के खिलाफ कोई भी किसी भी प्रकार से कार्यवाही उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही है। वहीं पीआरडी जवानों ने आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से नियुक्तियां की जा रही हैं, बाहरी लोगों को फर्जी तरीके से नियुक्त देकर उनसे डयूटी भी करवाई जा रही है। पीआरडी जवानों के आरोपों पर अधिकारियों की तरफ से क्या सफाई आती है और पीआरडी जवानों ने जो गंभीर आरोप अपने अधिकारियों पर लगाये हैं उन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है। लेकिन जवानों का आरोप बेहद गंभीर है अब देखना है उच्च अधिकारी इस पूरे मसले को कैसे और किस रूप में जांच करा कर सचाई सामने लाते हैं।

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