हरिद्वार – भ्रष्टाचार के मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया। काँग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का प्रयास तो किया लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर सीएम त्रिवेंद्र रावत को बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी काँग्रेस द्वारा आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जारी है। काँग्रेस के पूर्व प्रवक्ता सुनील अरोरा ने एक बार फिर से प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और मीडिया को जारी बयान में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की माँग की है। सुनील अरोरा का कहना है कि बीजपी जीरो टॉलरेंस का केवल दावा ही करती है। यदि इस मामले में सरकार की कोई संलिप्तता नही है तो फिर सरकार हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यो गई। उन्होंने माँग की है कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। सुनील अरोरा ने साफ तौर से कहा है कि धीरे धीरे बीजपी सरकार के कारनामे बाहर आने लगे है 2022 के चुनाव में जनता इन्हें सबक जरूर सिखाएगी।