हरिद्वार – 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर में हुए पुलवामा अटैक ने वैलेंटाइन डे की परिभाषा ही बदल कर रख दी है। पहले देशभर के युवा 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाते थे तो वहीं अब इस दिन को शहीदो को श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। हरिद्वार समेत पूरे देश भर में कई सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने आज एक बार फिर से मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले उन शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हरिद्वार के मालवीय घाट पर भी सामाजिक संगठन श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के नेतृत्व में कई समाजसेवियों ने मां गंगा में पुष्प अर्पित कर पुलवामा अटैक के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वही इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में आयी चमोली आपदा में मारे गए मजदूरों की आत्मशांति की कामना भी की।
अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि आज ही के दिन हमारे देश के वीर जवान देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे, इसलिए प्रत्येक भारतवासी का यह फर्ज बनता है कि आज के दिन उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए। इसके साथ ही पंडित अधीर कौशिक ने देश के युवाओं से यह अपील भी की है कि पाश्चात्य उत्सव को छोड़कर अपने वीर जवानों को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि दें। पंडित अधीर कौशिक ने चमोली आपदा में मारे गए मजदूरों को भी शहीद बताया और कहा कि वो मजदूर भी शहीद ही है जो रोटी के लिए अपने घरों को छोड़कर दुर्गम क्षेत्रों में काम करने गए है। माँ गँगा उन मजदूरों की भी आत्मा को शांति को प्रदान करें और उनके परिजनों को ये दुख सहने की शक्ति दे। वही भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने देश के लोगो से अपील की है कि शहीद सैनिकों और आपदा में मारे गये मजदूरों के लिए हवन शांति का पाठ जरूर करें ताकि अकालमृत्यु को प्राप्त इन लोगो की भी आत्मशांति हो सके। इस दौरान डॉ विशाल गर्ग, जेपी बडौनी, विनोद मिश्रा समेत कई लोग मौजूद रहे।