आज गुरू पूर्णिमा है यानि गुरू की पूजा का दिन। आज ही के दिन वेदों की रचना करने वाले वेद व्यास जी का जन्म दिन भी माना जाता है। वेद व्यास ज्ञान का भंङार थे। इसलिए आज के दिन गुरुओं की पूजा का प्रावधान है, हरिद्वार में भी आश्रम और अखडों में अपने अपने गुरुओं की पूजा के लिए लोग दूर दूर से हरिद्वार पहुंचते है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण आश्रम—अखाड़ों में होने वाले कार्यक्रम बहुत ही कम मनाया गया।
धर्मगुरूओं द्वारा अपने श्रृ़द्धालुओं को कोरोना काल में घर पर रह कर ही आराधना करने का कहा। आज के दिन निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्र पुरी, अग्नि अखाड़े के महामण्डेलश्वर कैलाशानन्द ब्रह्मचारी और हंसादेवाचार्य के शिष्य ने अपने अपने आश्रम में गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया और सभी ने अपने शिष्यों से घर पर रह कर ही गुरू पूर्णिमा का पर्व और सावन मानाने की अपील की। सभी का एक मत से मानना था कि कोरोना महामारी से बचाव को सभी को अपने घरों में रह कर ही अपने गुरू और ईष्ट की आराधना करनी चाहिए ताकि सभी स्वस्थ और निरोगी रहें।