हरिद्वार – कुंभ मेले को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। 11 फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या के स्नान पर क्या एसओपी पालन होगा, इसको लेकर श्री गंगा सभा हरिद्वार द्वारा प्रेस वार्ता करके स्थिति को स्पष्ट करने की माँग की गई है। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा है कि कल होने वाले मौनी अमावस्या के स्नान और 16 फरवरी को होने वाले बसंत पंचमी के स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को एसओपी का पालन नही करना होगा। गँगा स्नान के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है। जो श्रद्धालु गंगा स्नान करना चाहते हैं वह निर्भीक होकर हरिद्वार आ सकते हैं और गंगा स्नान कर सकते हैं।
गंगा सभा ने स्नान के लिए देश से आने वाले श्रद्धालुओं को आमंत्रित भी किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मेला पुलिस ने मकर संक्रांति के स्नान को सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराया था उसी तरह से यह स्नान भी सुरक्षित संपन्न कराया जाएगा। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी को लेकर भ्रम की स्थिति को राज्य सरकार से स्पष्ट करने का भी निवेदन किया है। उन्होंने कहा है कि यह एसओपी कुंभ मेले के लिए जारी की गई है जबकि अभी सरकार ने मेले का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है इसलिए तकनीकी रूप से भी यह लागू नहीं हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ मेले के दौरान अगर सरकार स्नान पर्वों पर एसओपी लागू करती है तो गंगा सभा उस में सहयोग करेगी, अगर मेला अवधि के साधारण दिनों में भी एसओपी को लागू किया जाएगा तो श्री गंगा सभा इसका विरोध करेगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि किसी अधिकारी ने यह बयान दिया है कि हरिद्वार अस्थि विसर्जन के लिए आने वाले लोगों के लिए भी कोरोना रिपोर्ट की बाध्यता लागू होगी, यदि ऐसा किया गया तो गंगा सभा इसका भी खुलकर विरोध करेगी। क्योंकि कोरोना के पीक सीजन पर भी सरकार ने खुद अस्थि विसर्जन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए करोना की कोई बाध्यता नहीं रखी थी ऐसा हुआ तो गंगा सभा इसका खुलकर विरोध करेगी।