हरिद्वार – धर्मनगरी हरिद्वार में मंगलवार को हरकीपौडी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में पिथौरागढ़ और टिहरी जिले से लाई गई देव डोली को कुम्भ पर्व के मद्देनजर माँ गंगा में स्नान कराया गया। इससे पूर्व यह देव डोलि ईश्वर महादेव मंदिर जागेश्वर मंदिर से अल्मोड़ा, हल्द्वानी, दिनेशपुर बाजपु, रुद्रपुर, यमुनोत्री धाम आदि तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए हरिद्वार पहुची थी। हरिद्वार पहुच राधा कृष्ण आश्रम शांतिकुंज से भजन एवं देव ध्वनि रणसिंघा ढोल के साथ देव डोली नृत्य यात्रा की शुरुवात की गई। इस दौरान देव डोली यात्रा में उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओ के द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगो को जागरूक भी किया गया। नगर भ्रमण के दौरान इस देव डोली नृत्य यात्रा का हरिद्वार में जगह जगह साधु संतों ने भव्य स्वागत भी किया।

देव डोलि के साथ हरिद्वार पहुचे श्रद्धालुओ का कहना है कि यह माँ भगवती की डोली है और माँ कंडयाल गांव में कंडयाल देवी पर्वत पर विराजमान है। समस्त गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल से भारी सांख्य में लोग देव डोलि के साथ हरिद्वार पहुचे है। माँ भगवती और गढ़वाल कुमाऊँ के देवी देवताओं को मान्यता के अनुसार माँ गंगा यमुना में स्नान कराया जाता है। कुम्भ पर्व पर स्नान कराने का विशेष महत्व होता है यहां स्नान करने से जन्मजन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते है। पूरा भारतवर्ष की भलाई के लिए माँ गंगा से प्रार्थना की गई इसके लिए हम सब एकजुट है।
उत्तराखंड के विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर हरिद्वार पहुची देव डोलियों को कुम्भ स्नान कराया गया है। कुम्भ के दौरान देव डोलियों के स्नान का महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है यही वजह है कि भजन कीर्तन नगर भ्रमण करते हुए ढोल नगाड़ों के साथ उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु भारी सांख्य में देव डोलि के साथ माँ गंगा में स्नान करने हरिद्वार हरकी पौडी पहुँचे है।

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