कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से बंद स्कूलों को खोलने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कई उपायों पर विचार कर रही है.

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा प्रदेश के स्कूलों को जुलाई के अंत तक खोले जाने का संकेत दे रहे हैं. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग के करीब 2,280 राजकीय विद्यालयों के साथ 4,500 से अधिक सहायता प्राप्त विद्यालय हैं. इसी प्रकार प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड समेत अन्य बोर्ड से संबद्ध करीब 35 हजार विद्यालय संचालित हैं. इन विद्यालयों में करीब चार करोड़ से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. लखनऊ में एक माध्यमिक विद्यालय के संचालक विकास सिंह बताते हैं, “बच्चों में कारोना वायरस तेजी से फैलता है साथ ही उनमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियम का पालन करा पाना भी आसान नहीं है. ऐसे में बीमारी का प्रकोप रहते स्कूल खोलने से बड़ी समस्या आ सकती है.”

शिक्षा विभाग को विद्यालय संचालकों ने डीआइओएस के जरिए अपनी समस्याएं पिछले दिनों बताई थीं. शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी बताते हैं कि जुलाई के पहले हफ्ते से स्कूल नहीं खोले जाएंगे. जुलाई के तीसरे हफ्ते में बीमारी की समीक्षा करने के साथ स्कूल खोलने की दशाओं की भी समीक्षा की जाएगी. अगर सब अनुकूल रहा तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा.

उधर, प्रदेश सरकार जून के अंत में यूपी बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने की तैयारी में है. यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन 2 जून को खत्म हो गया. इस वर्ष परीक्षाएं रिकार्ड समय में हाइस्कूल की 12 दिनों और इंटरमीडिएट की 15 दिनों में खत्म हो गई, लेकिन कोविड महामारी के कारण मूल्यांकन देर से शुरू हुआ. 56,11,072 विद्यार्थियों ने इस बार बोर्ड परीक्षा दी थी. 2020 की परीक्षाओं में निर्धारित 7,784 परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण वेबकॉस्टिंग के जरिए किया गया. 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू हुआ लेकिन कोविड-19 महामारी संक्रमण के कारण मूल्यांकन स्थगित करना पड़ा.

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