हरिद्वार – प्रदेश व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कुम्भ मेले को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए है। 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन ने जो नियम व शर्ते लागू की है उसका विरोध किया है। व्यापारियों ने इसे तुगलकी फ़रमान बता दिया है। हरिद्वार प्रेस क्लब में प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार की कुम्भ मेला आयोजित कराने की मंशा नही है। जनवरी में कुम्भ मेले का नोटिफिकेशन जारी हो जाता है लेकिन ये सरकार मार्च में नोटिफिकेशन जारी करने की बात कह रही है, मगर उसकी भी कोई तारीख तय नही है। कोरोना के नाम पर फिर से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार भारत सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देकर व्यापारियों को परेशान करने का काम न करे। अन्य राज्यो में चुनाव से लेकर सभी आयोजन किये जा रहे है। लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नही हो रहा है। व्यापारियों ने देश के विकास में रीढ़ का काम किया है इसलिए कुम्भ मेले का आयोजन करके सरकार व्यापारियों को राहत दे। साथ ही आरोप लगाया कि मकर संक्रांति के स्नान को लेकर जो नियम व शर्तें लागू की है वह किसी तुगलकी फरमान से कम नहीं है। व्यापारियों को मकर संक्रांति स्नान से बड़ी उम्मीदें थी लेकिन सरकार ने उस पर भी पानी फेर दिया है। गँगा स्नान में 5 दिन पहले की रिपोर्ट लाना सम्भव ही नही है, क्योंकि ये आदेश स्नान के तीन दिन पहले ही जारी किया गया है। वही उन्होंने 14 फरवरी को एक बार फिर से शाही स्नान करने की बात को दोहराया और कहा कि 14 फरवरी को सभी व्यापारी शाही स्नान करके देश दुनिया को संदेश देंगे कि कुम्भ मेला शुरू हो चुका और इसमें कही कोई डर नही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराएं ताकि हरिद्वार के व्यापारी को थोड़ी राहत मिल सके।
प्रेस वार्ता में उनके साथ प्रदेश व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष, शिव कुमार कश्यप, संयोजक जतिन हांडा, सुधीर श्रोत्रीय, मयंक मूर्ति भट्ट, प्रवीण शर्मा, मास्टर सतीश चंद शर्मा और सुमित अरोड़ा आदि शामिल रहे।
